दगा बाज़ आसूं
विषय : बहुत दगा बाज़ है मेरे आंसू
आंसू भी कैसे होते है ना
जब आना होता है इन्हे
तब आते नही
और जब हम ज़रा सा भी मुस्कुराते है
तब बिन बुलाए आ जाते है
और जब हम इन्हें छुपाना चाहते है दुनिया से
तब ये भरी भीड़ में भी चले आते है
और जब हम चाहते है कोई इनकी आहट सुने
तब ये चुप चाप तकिए में समा जाते हैं
होती है कोई खुशी तब भी चले आते है
और गम में अकेले में ही बाहर आते है
कभी बात बार पर आंखों में आ जाते है
और कभी कभी तो दिल पर लगी बात पर भी नही आते
कभी कभी खुली आंख से बाहर आते हैं
तो कभी बंद आंखों से बह निकलते है
कभी बूंद बूंद करके बाहर आते है
तो कभी धार बनकर बाहर आते है
ये मेरे आंसू
सच बड़े दगा बाज़ होते है ये आंसू
जब चाहो तब नही आते आंसू
और कभी बिन बुलाए चले आते हैं आंसू ।।
नीर (निधि सक्सैना)
डॉ. रामबली मिश्र
28-Dec-2022 07:40 PM
बेहतरीन
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Sachin dev
27-Dec-2022 09:28 PM
👌👌
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Renu
27-Dec-2022 07:33 PM
👍👍🌺
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